loading

आमलकी एकादशी एवं रंगभरी एकादशी कब है एवं कैसे करें पूजा ?

  • Home
  • Blog
  • आमलकी एकादशी एवं रंगभरी एकादशी कब है एवं कैसे करें पूजा ?

आमलकी एकादशी एवं रंगभरी एकादशी कब है एवं कैसे करें पूजा ?

आमलकी एकादशी एवं रंगभरी एकादशी कब है एवं कैसे करें पूजा ?

हिंदू धर्म के अनुसार हर माह में दो एकादशी व्रत होते हैं। फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो हिंदू धर्म के अनुसार सभी एकादशियों का काफी महत्व माना गया है, लेकिन इन सब में आमलकी एकादशी को सर्वोत्तम स्थान पर रखा गया है। आमलकी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय होता है। आमलकी एकादशी को कुछ लोग आंवला एकादशी या आमली ग्यारस भी कहते हैं।
ये होली से कुछ दिन पहले पड़ती है, इसलिए इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
पंचांग के अनुसार इस बार आमलकी एकादशी का व्रत 3 मार्च 2023 को शुक्रवार के दिन रखा जाएगा !

आमली एकादशी एवं रंगभरी एकादशी पूजन-

रंगभरी एकादशी के दिन शिवलिंग पर लाल रंग का गुलाल और माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें. एकादशी के दिन रात्रि जागरण करने से व्रत का प्रभाव अधिक बढ़ जाता है.
ऐसे में रात में विष्णु जी के समक्ष 9 बत्तियों का दीपक जलाएं तथा एक बड़ा दीया अलग से प्रज्वलित करें, जो रातभर जलता रहें. शिव और विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें. मान्यता है इससे जीवन में धन-संपत्ति की समस्या का समाधान होता है. वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

X